लोकार्पण

देश का सबसे लम्बा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी जनता को समर्पित


करीब ढाई लाख की आबादी को मिलेगा फायदाः मुख्यमंत्री


अनंत आवाज ब्यूरो 


टिहरी गढ़वाल। राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पूर्व आज टिहरी जनपद में करीब 3 अरब की लागत से तैयार बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकार्पण कर टिहरी वासियों को एक बड़ी सौगात दी है। इस पुल से टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ढाई लाख की आबादी को फायदा मिलेगा। 


डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन लापरवाही और तकनीकी कमी के चलते पुल का डिजायन फेल हो गया। इस कारण वर्ष 2010 में पुल का काम बंद करना पड़ा। तब तक पुल निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने पुल का नया डिजायन बनाने के लिए अंतराष्ट्रीय टेंडर किए। जिसके बाद दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने पुल का नया डिजायन बनाया और लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से 2016 में दोबारा निर्माण कार्य शुरू किया था। डोबरा-चांठी पुल देश का सबसे पहला झूला पुल है, जिसकी लंबाई 725 मीटर है और जो भारी वाहन चलाने लायक बना है। समुद्रतल से 850 मीटर की ऊंचाई पर पुल बना है। टिहरी झील को अधिकतम आरएल 830 मीटर तक भरा जा सकता है। पुल की चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें से साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलेंगे। बाकी के डेढ़ मीटर पर पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर फुटपाथ बनाए गए हैं। पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें से 440 मीटर झूला पुल है। वहीं 260 मीटर डोबरा साइड और 25 मीटर का एप्रोच पुल चांठी की तरफ बनाया गया है।



पुल के दोनों किनारों पर 58-58 मीटर ऊंचे चार टॉवर निर्मित हैं। भारी वाहन चलने लायक यह देश का पहला झूला पुल है।


पुल लोकार्पण अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस भारी वाहन झूला पुल का क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार कर रहे थे। अब इस पुल पर आवाजाही शुरू होने से सभी को आवागमन में सुविधा होने के साथ ही समय की बचत भी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनपद में कुल 4 अरब 73 करोड़ 8 लाख 56 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। जिसमें 3 अरब 7 करोड़ 83 लाख लागत की 30 योजनाओं का लोकार्पण तथा 1 अरब 2 करोड़ 25 लाख की 30 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व क्रीड़ा विभाग से संबंधित हैं जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय इंटर कालेज मजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है। उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है। टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी। डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया।


कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, विभिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।